Monday, June 13, 2016

Wi-fi का दौर


बातें सभी जाननी हैं
पर किसी का सब्र-ए-अहतराम नहीं होता
4g का वक़्त चल रहा है
पर free browsing का इंतज़ाम नहीं होता

Google पर पूरा भरोसा है
अपनों पर ऐतबार नहीं होता?
वैसे इस दौर में लोगों को बनाना
आसान नहीं होता

farm ville तो हैं handy
पर गुल्शनो का दीदार नहीं होता
मेरी लिखी चिट्ठी का उनसे
इंतज़ार नहीं होता

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