Monday, June 6, 2016

पहली बारिश

बरसात और अश्क़ दोनो कमाल है
फ़ितरत में गीला पन
यह जज़्बात को देते पहचान है

दूँरिया शहरो की
भूरे बादलों से घिरा आसमान है
तेरे दीदार का इंतज़ार
मेरी महकशी का इंतज़ाम है

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