Tuesday, May 31, 2016

आवाज़ें

बोहत सारी आवाज़ें अचानक मेरे ज़हन में ऊधम मचा रही है
एक अरसा हुआ अब सबर नहीं होता
कुछ अपना सा लगने लगता है पर
मुझे अपनाने से कुछ लम्हे पहले वो कोसो दूर हो जाता है

ज़िंदगी मज़ेदार है या मुझसे मज़ाक़ कर रही है?
दिल जो अब तक मायूस था
इस लम्हे परेशान है
कल तक ख़ाली कोठरी था
आज नजाने कितने इसके मेहमान है

यह तोलने लगा है
पहले बेख़ौफ़ तस्लीम कर लेता था
अब झूठ बोलने लगा है

इन उलझी गुत्थियों के जवाब कहाँ मैं ढूँढू?
सच की आदत अभ छूट चुकि है
झूठ से कोई वास्ता नहीं
मंज़िल साफ़ दिखाई दे रही है
उलझने कई है रास्ता नहीं ।।

Monday, May 30, 2016

Shakespeare eats वडा-पाव

पिछली बार जब आपसे रूबरू हुए थे
उम्र कुछ चौदह- पंद्रह थी

साल- दो साल हुए हिंदी और उर्दू से वास्ता जोड़ लिया
English कभी-क़बार पढ़ लिया करते
पर जनाब आपके लिखे नाटक पढ़े एक अरसा बीत गया

आज कैसे हमें याद फ़रमा लिया?
Thee- thou का ख़याल आते ही मन घबरा लिया
My heart for once proposed
Thou disappear in thin air

फ़ैज़ का हाथ पकड़े मियाँ
William Shakespeare तो है ग़ैर
Much ado about nothing
भला why do I care

शहर बम्बई-नाटक really old
तजस्सुस कर रहा हूँ - for the evening to unfold
पुरानी कहानी - अजब अन्दाज़
I bid thee, welcome मेहरबान- कदरदान

Sunday, May 29, 2016

आज दिन मुबारक हैं

आज कल ज़्यादातर मैं अपने हर जानकार को मुबारक मौक़ों पर बधाई दे पाता हूँ
Facebook की मेहरबानी ही समझलें
आज दोपहर को भी कुछ ऐसा ही हुआ
बस फ़र्क़ ये था की जिस दोस्त का जनम दिन है उसने एक फ़रमाइश कर दीं
जिसे हमने निम्न लिखित कविता में बयान करने की कोशिश की हैं

याद बोहात आती है वो शामें जो साथ बितायी थी
बस यादें ही आती है- आप नहीं आती
पर उस बात का ज़िक्र फिर कभी
आज दिन मुबारक है

इझ्हार किया करते थे हाल दिलों के
कभी कतराए नहीं ना बीच हमारे कोई रीत रही
मुलाक़ात छोड़े-एक अरसा हुआ बात हुए
पर उस बात का ज़िक्र फिर कभी
आज दिन मुबारक है

भुला दिया जब याद आया के आप ग़ालीफ दिमाग़ है
हमें तक याद ना रख पाएँ आप!!
यह आपकी ख़ूबी है या आदत है?
पर उस बात का ज़िक्र फिर कभी
आज दिन मुबारक है

Saturday, May 28, 2016

आशिक़ी

ज़रा थामिएगा अपनी रफ़्तार को 
आप भी कमाल कर रहे है 
कल तक अकेले छोड़ रखा था
अब introductions घमासान कर रहे है 

माना दिल फेंक है 
थोड़े बेशर्म किसम के है 
दिल हथेली पर लिए घूमते है
पर वो हम ही है जो दिल के टूटने पर- ग़म को बाँहों में लिए झूमते है

इस बार इरादा आशिक़ी का है
मशवरा है के दिल्लगि से ख़बरदार रहें 
थामेंगे दामन वही जो ऐतबार करें
अगले हसीन चेहरे का दिल क्यों इंतज़ार करें

Thursday, May 26, 2016

करेंट affair

Aaj ka waqt kazardaan hai to...
Stories from history 
Future ki Mistry...!!!

Dil mein Kai Sawaal hai
Bhool chuke poochnaa apno ke haal chaal hai
High rise buildingey Lagti Kamaal hai,
Public servant in reality malamaal hai

Common man ka haal Behaal hai
Road tax ka allocation sabse gehra sawaal hai
Apno Ko 'No thank you '
Anjaano ki friends request ka hota Facebook par isteqbaal hai

Khaane ko do waqt ka khana sure nahi
Par sabse bada mudda kashmeer aur taqleef Pakistan hai

Sports ke naam par khiladiyon par daav 
Entertain kar rahi sonny Leone hai

Sawaal Bas itna hai tujhse mere dost,
Kya tu waqai zindagi se anjaan hai?

Kamzoor Mustaqbil ka chehra
Kyon bangaya teri pehchaan hai??