पहली मुलाक़ात बहुत ही कमाल थी
दिलों के मिलने पर मुलाक़ातें होने लगी बार बार थी
एक दौर फिर ऐसा आया के वो हमारे वजूद हो गए
और अब फ़र्क़ तक नहीं पड़ता जब के, वो कही है खो गए
एक वक़्त था ढलती शामों का
Airport पर उनके आने का
वो लम्बी ट्रिप्स पर जाने का
साथ साथ खाना बनाने का
उनके चहरे को देखा करते थे
नज़रों में खोया करते थे
उनकी बाहों में रहने को
झूठ मूट ही रोया करते थे
और अभ घुटन सी होती है
उनकी आवाज़ में भी, सुन लू अपना नाम अगर
पता नहीं कैसे आ पहूंचे
वो और हम ऐसी डगर
अक्सर बैठें सोचता हूँ
तनहा अकेला जब होता हूँ
पल भर की तो बात थी
ग़ज़ब था बिछड़ना- उससे ग़ज़ब मुलाक़ात थी
दिलों के मिलने पर मुलाक़ातें होने लगी बार बार थी
एक दौर फिर ऐसा आया के वो हमारे वजूद हो गए
और अब फ़र्क़ तक नहीं पड़ता जब के, वो कही है खो गए
एक वक़्त था ढलती शामों का
Airport पर उनके आने का
वो लम्बी ट्रिप्स पर जाने का
साथ साथ खाना बनाने का
उनके चहरे को देखा करते थे
नज़रों में खोया करते थे
उनकी बाहों में रहने को
झूठ मूट ही रोया करते थे
और अभ घुटन सी होती है
उनकी आवाज़ में भी, सुन लू अपना नाम अगर
पता नहीं कैसे आ पहूंचे
वो और हम ऐसी डगर
अक्सर बैठें सोचता हूँ
तनहा अकेला जब होता हूँ
पल भर की तो बात थी
ग़ज़ब था बिछड़ना- उससे ग़ज़ब मुलाक़ात थी
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