ज़रा थामिएगा अपनी रफ़्तार को
आप भी कमाल कर रहे है
कल तक अकेले छोड़ रखा था
अब introductions घमासान कर रहे है
माना दिल फेंक है
थोड़े बेशर्म किसम के है
दिल हथेली पर लिए घूमते है
पर वो हम ही है जो दिल के टूटने पर- ग़म को बाँहों में लिए झूमते है
इस बार इरादा आशिक़ी का है
मशवरा है के दिल्लगि से ख़बरदार रहें
थामेंगे दामन वही जो ऐतबार करें
अगले हसीन चेहरे का दिल क्यों इंतज़ार करें
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